RPS-2020 CGPSC MAINS WRITING PRACTICE 4 JUN ANSWER
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उत्तर1 सहयोग से तात्पर्य विभिन्न प्रयत्नों के एकत्व से है।जब किसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए व्यक्तियों एवं व्यक्तियों का समूह एक साथ प्रयास करते हैं तो उसे सहयोग कहा जाता है।सहयोग समन्वय का प्रारंभिक बिंदु है क्योंकि समन्वय में सहयोग सहकारिता से जुड़ा है जहां प्रयत्नों में एक तारतम्यता दिखाई देती है। सहयोग दो प्रकार के होते हैं-प्रत्यक्ष सहयोग एवं अप्रत्यक्ष सहयोग।
जब दो या दो से अधिक व्यक्ति समान उद्देश्य के लिए एक साथ मिलकर कार्य करते हैं तो वह प्रत्यक्ष सहयोग है तथा समान उद्देश्य के लिए लोगो द्वारा अलग अलग कार्य करना अप्रत्यक्ष सहयोग है।
उत्तर2 सामाजिक जीवन के सभी क्षेत्र में सहयोग काफी महत्व है, यह जीवन का आधार है, इसके बिना समाज की कल्पना नहीं की जा सकती।
इसके महत्व को निम्न बिंदु से समझ सकते हैं-
1)व्यक्ति की दृष्टि से- सहयोग सामाजिकरण व व्यक्तित्व के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। यदि बालक को अपने माता-पिता, परिवारजनों, पड़ोसियों, मित्रों , गुरुजनों आदि से सहयोग प्राप्त नहीं हो तो उनका पालन पोषण एवं विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति तथा मानवीय गुणों व व्यक्तित्व का विकास असंभव है।
2) समाज की दृष्टि से- सामूहिकता का विकास, हम की भावना, समूह कल्याण का दृष्टिकोण आदि सहयोग पर निर्भर करते हैं यदि व्यक्तियों में वयक्तिवादित अधिक हो, स्वार्थ पूर्ति अधिक हो तो ऐसे में संपूर्ण समाज का कल्याण का विकास नहीं हो सकता।
3)राष्ट्र की दृष्टि से – मानव सभ्यता एवं संस्कृति का विकास , प्रचार एवं प्रसार आदि के लिए भी सहयोग महत्वपूर्ण है।अंतरराष्ट्रीय शांति बनाए रखने में भी सहयोग महत्वपूर्ण है।