छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग रायपुर ने राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2018 के पाठ्यक्रम हेतु 13 नवम्बर तक लोगो से सुझाव मांगे हैं
राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2018 के पाठ्यक्रम हेतु सुझाव
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग रायपुर ने अपने अधिकारिक वेबसाइट http://www.psc.cg.gov.in राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2018 के पाठ्यक्रम हेतु 13 नवम्बर तक लोगो से सुझाव मांगे हैं .
आयोग का अधिकारिक नोटीफिकेसन –NOTIFICATION FOR FEEDBACK/SUGGESTION (MAINS) EXAM
सन्दर्भ हेतु प्रचलित पाठ्यक्रम देखें – OLD SYLLABUS OF STATE SERVICE (MAINS) EXAM
#कैसे सुझाव दें ?
- सर्वप्रथम स्वयं को पंजीकृत (रजिस्टर ) करें – REGISTER HERE LINK (31 अक्टूबर से 13 नवम्बर 2018 तक लिंक ओपन है)
- ईमेल और पासवर्ड आपको sms तथा ईमेल के माध्यम से प्राप्त होगा
- ईमेल और पासवर्ड का उपयोग कर लॉग इन करें – LOGIN LINK
- 500 शब्द में आप अपना सुझाव दर्ज कर भेज दें
#हमने क्या सुझाव भेजा ?
प्रिय अभ्यर्थियों हमारे द्वारा 500 शब्द में जमा किया सुझाव निम्नलिखित है अतः आप सहमत हो तो इसे ही copy-paste कर लें या अपनी सुविधानुसार संशोधित कर भेज सकते हैं –
अध्यक्ष महोदय
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ,रायपुर
राज्य सेवा अधिकारियों का भी चयन संघ लोक सेवा आयोग जैसे ही विभिन्न सामाजिक आर्थिक राजनितिक नैतिक मनोवैज्ञानिक प्रशासनिक इत्यादि स्थापित एवं तार्किक अनिवार्य मापदंडो के आधार पर ही होना चाहिए न कि केवल रेट-रटाए किताबी ज्ञान के आधार पर .
क्योकि उन्हें ही देश एवं राज्य के लोगो के विकास हेतु संविधान के आदर्श को स्थापित करते हुए सभी निर्णय लेना एवं योजनाओं को लागु करना होता है . और संघ लोक सेवा आयोग का पाठ्यक्रम इन्ही अवधारणा तथा वैज्ञानिक विधि को शामिल करते हुए विशेषज्ञों द्वारा निर्मित
है इसलिए उससे अच्छा अन्य कोई भी बेहतर सन्दर्भ नहीं हो सकता अतः उसी पाठ्यक्रम में राज्य सेवा के अनुसार उचित संसोधन करते हुए निम्नलिखित सुझाव देना चाहता हूँ –
1)पाठ्यक्रम संरचना में विषय-भार बराबर 50 प्रतिशत छत्तीसगढ़ एवं 50 प्रतिशत राष्ट्रीय स्तर का ही होना चाहिए
2)गणित ,संस्कृत ,समाजशास्त्र ,लोकप्रशासन ,दर्शनशास्त्र ,जीव-विज्ञान ,भौतिकी तथा रसायन इत्यादि को पुर्णतः हटाकर एकदम UPSC जैसा पाठ्यक्रम धारण करना चाहिए क्योकि अधिकारियों के चयन में इन विषयों का कोई काम नहीं है इन पर आधारित IIT ,NEET दुनियाभर
की परीक्षाएं हैं
3) कुल 6 प्रश्न पत्र हो राज्य सेवा मुख्य परीक्षा मेंA)निबंध
B)भाषा – हिंदी अंग्रेजी छत्तीसगढ़ी
C)सामान्य अध्ययन 1 –
i)विरासत और कला एवं संस्कृति – CG कला एवं संस्कृति ,CG जनजातियाँ
ii)इतिहास – CG इतिहास एवं स्वतंत्रता आन्दोलन में योगदान
iii)भूगोल – छत्तीसगढ़ का भूगोल ,भारत भूगोल विशिष्ट परिचय ,विश्व भूगोल एकदम सामान्य परिचय
iv)समाज – CG समाज की मुख्य विशेषताएँ एवं विविधता ,जनजातीय समाज एवं विकास विशेष रूप सेD)सामान्य अध्ययन 2 –
i)शासन व्यवस्था – CG शासन व्यवस्था ,विभाग मंत्रालय आयोग इत्यादि सभी
ii)संविधान एवं राजव्यवस्था – CG पंचायतीराज ,अधिसूचित क्षेत्र
iii)सामाजिक न्याय – UPSC के ही सामान जाति-जनजाति विकास को केन्द्रित करता हुआ
iv)अंतर्राष्ट्रीय संबंध – एकदम सामान्य परिचयE)सामान्य अध्ययन 3 –
i)आर्थिक विकास – CG अर्थव्यवस्था ,CG में कृषि वन उद्योग एवं प्राकृतिक संसाधन
ii)प्रौद्योगिकी- छत्तीसगढ़ की भूमिका उपलब्धियां ,शिक्षण संस्थान
iii)जैव-विविधता-पर्यावरण – छत्तीसगढ़ केन्द्रित (औद्योगिक प्लांट प्रदुषण वन संसाधन ),भारत विशिष्ट परिचय
iv)सुरक्षा तथा आपदा- प्रबंधन – नक्सलवाद ,सुखा ,औद्योगिक आपदाF)सामान्य अध्ययन 4 –
i)नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिवृत्ति – इस प्रश्न पत्र को राज्य सेवा के अनुरूप परिवर्तित कर पूर्णतः अपना लिया जाए – जैसे महान नेता सुधारक प्रशासक उपदेशक से शिक्षा खंड ,छत्तीसगढ़ के दार्शनिक ,नैतिक विचारक ,समाजसेवी में CG के व्यक्तित्वों को विशेष स्थान दिया जाए
पूछे जाने वाले कुल केस स्टडीज में से आधा जैसे 4 कुल हो तो 2 प्रश्न छत्तीसगढ़ी में ही हो तथा उसका उत्तर भी छत्तीसगढ़ी में ही लिखना चाहिएनोट-: उपरोक्त पाठ्यक्रम में भारतीय परिप्रेक्ष्य के लिए इतिहास भूगोल राजव्यवस्था अर्थव्यवस्था इत्यादि शेष खंड के लिए UPSC मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम को ही मानक स्वीकार किया जाए
उपरोक्त सुझाव के पक्ष में हमारा तर्क -:
- 50 प्रतिशत छत्तीसगढ़ और 50 प्रतिशत राष्ट्रिय स्तर तो होना ही चाहिए
- प्रशासनिक अधिकारियों के चयन में गणित ,संस्कृत ,समाजशास्त्र ,लोकप्रशासन ,दर्शनशास्त्र ,जीव-विज्ञान ,भौतिकी तथा रसायन इत्यादि विषयों का क्या काम ? यह कोई डॉक्टर इंजीनियर का चयन तो है नहीं अतः प्रशासन के लिए अनिवार्य मानक पर परीक्षा हो
- UPSC का पाठ्यक्रम अनुभवी विशेषज्ञों द्वारा अनिवार्य प्रशासनिक क्षमताओं को परखने के आधार पर निर्मित है अतः उससे बेहतर मानक वर्तमान में दूसरा कोई नहीं हो सकता .
- संघ लोकसेवा आयोग के पाठ्यक्रम को राज्य सेवा के अनुकूल संशोधित कर उसे ही लागु किया जा सकता है
- UPSC का पाठ्यक्रम रट्टामार किताबी ज्ञान एवं कोचिंग संस्थाओ की ओर नहीं झुकी है अतः स्वाध्ययन वाले अभ्यर्थियों को भी सामान अवसर उपलब्ध कराती है
- राज्य सेवा मुख्य परीक्षा के वर्तमान पाठ्यक्रम के आधार पर विज्ञान संकाय इंजीनियर मेडिकल इत्यादि व्यवसायिक क्षेत्र के अभ्यर्थियों को अनुचित लाभ तथा ग्रामीण पृष्ठभूमि वालों को तुलनात्मक रूप से अत्यधिक नुकसान हुआ है
- राज्य सेवा मुख्य परीक्षा में गणित विज्ञान संस्कृत की बजाय नीतिशास्त्र जैसे विषयों को शामिल करने की जरुरत है ,क्योकि वर्तमान भ्रष्टाचार के दौरा में प्रशासनिक संगठन में नैतिकता की कमी के कारण ही योजनाए लागू नहीं हो पाती तथा घोटाले सामने आते रहे हैं
- नीतिशास्त्र में छत्तीसगढ़ के महान व्यक्तित्वों ,दार्शनिकों ,उपदेशकों इत्यादि के नैतिक विचार को शामिल किया ही जाना चाहिए
- राज्य का जनजाति बाहुल्य होने तथा अधिसूचित क्षेत्र के अभ्यर्थियों को ध्यान में रखते हुए नीतिशास्त्र में अनिवार्य छत्तीसगढ़ी भाषा में केस स्टडीज होना चाहिए
- ठेठ समाजशास्त्र ,दर्शनशास्त्र,लोकप्रशासन की बजाए भारतीय अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध तथा विश्व भूगोल एकदम सामान्य परिचय था भारत भूगोल विशिष्ट परिचय को शामिल किया जाना चाहिए ताकि चयनित अधिकारी योजनाओं को लागु करते समय वैश्विक तथा राष्ट्रिय परिस्थियों को भी ध्यान में रखे
- प्रशासनिक अधिकारी के रूप में सामाजिक न्याय ,आपदा प्रबंधन ,आन्तरिक सुरक्षा ,प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ का योगदान इत्यादि से परिचय होना ही चाहिए
- अंत में अधिकारी के रूप में उनके प्रत्येक कार्य से समाज का हर एक कोना प्रभावित होता है अतः शिक्षा स्वास्थ्य भुखमरी गरीबी बेरोजगारी ,साम्प्रदायिकता ,भाषावाद ,क्षेत्रवाद ,जातिवाद ,नक्सलवाद इत्यादि से परिचित होना ही चाहिए जिस प्रकार संघ लोक सेवा आयोग में इन्हें शामिल किया गया है
- प्रश्न भी UPSC जैसे ही समसामयिकी एवं स्थैतिक संकल्पनाओं को शामिल करते हुए अधिकांशतः विश्लेषण प्रकार का ही होना चाहिए ताकि परीक्षा में स्मृति क्षमता की बजाए विश्लेषण क्षमता के माध्यम से प्रशासनिक मूल्यों का परख किया जा सके .
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UPSC मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम देखें – LINK