RPS-2020 CGPSC MAINS WRITING PRACTICE 6 JUN ANSWER
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उत्तर1 संघर्ष वह सामाजिक प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति या समूह अपने लक्ष्यों की प्राप्ति विरोधी को प्रत्यक्ष हिंसा की चुनौती देकर करते हैं। अर्थात उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए बल या हिंसा की धमकी देकर दूसरों की इच्छाओं को दबाना ही संघर्ष है।
उत्तर2 विभिन्न विद्वानोंका मानना है कि जब लोग एक दूसरे के संपर्क में आते हैं उनमे निम्न कारण से संघर्ष होता है-
1) व्यक्तिगत भिन्नता – व्यक्ति -व्यक्ति में शारीरिक गठन, बौद्धिक क्षमता, आदतें,अभिवृत्ति,मूल्य, स्वभाव आदि में भिन्नताएं होती है किसी में क्रोध अधिक है तो किसी में शालीनता । अतः जब भिन्न क्षमताओं एवं विशेषताओं के लोग संपर्क में आते हैं तो उनमें संघर्ष होता है ।
2)सांस्कृतिक भिन्नता- जब अलग अलग संस्कृति के लोग संपर्क में आते हैं तो उनमें सहयोगी संबंध बाधित होते हैं और संघर्ष होती है।
3) सामाजिक परिवर्तन- जब समाज में तीव्र परिवर्तन होते हैं तो संबंधों की पुरानी व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो जाता है और समाज अनेक समूहों में बट जाते हैं जो संघर्ष का बहुत बड़ा कारण है।
इसके अतिरिक्त संकीर्ण निष्ठाएँभी संघर्ष का मुख्य कारण है इससे जातिवाद,भाई-भतीजावाद, दलगत राजनीति पनपते हैं। साधनों की सीमितता तथा जातिय केंद्रियता भी संघर्ष का प्रमुख कारण है।
उत्तर3 संघर्ष और प्रतिस्पर्धा में अंतर-
1) प्रतिस्पर्धा एक अचेतन प्रक्रिया है इसमें प्रतिस्पर्धी एक दूसरे के गतिविधियों को नहीं जानते हैं जबकि संघर्ष एक चेतन प्रक्रिया है।
2)प्रतिस्पर्धा अवैयक्तिक प्रक्रिया है जबकि संघर्ष वैयक्तिक प्रक्रिया है।
3) प्रतिस्पर्धा निरंतर प्रक्रिया है जब संघर्ष रुक रुक कर चलने वाली प्रक्रिया है ल।
4)प्रतिस्पर्धा विभिन्न नियमो के अनुसार चलता है जबकि संघर्ष में कोई नियम नहीं होता।
5) प्रतिस्पर्धा में दोनों पक्ष को लाभ होता है जबकि संघर्ष में एक पक्ष को हानि ही होता है।
6)प्रतिस्पर्धा में तीसरा पक्ष भी होता है जो विजेता का निर्णय करता है जबकि संघर्ष में दोनों पक्ष ही हार जीत का फैसला कर लेते है।
7) प्रतिस्पर्धा अहिंसात्मक है जबकि संघर्ष हिंसात्मक है।
8) प्रतिस्पर्धा में लक्ष्य पर जोर दिया जाता है जबकि संघर्ष में विरोधी को हानि पहुंचाने पर जोर दिया जाता है।