RPS-2020 CGPSC MAINS WRITING PRACTICE 18 MAY ANSWER

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उत्तर1 भारत मे कुछ समस्याएं सदियों से महिलाओं को परेशान कर रही है, जिसमें कन्या भ्रूण हत्या, दहेज हत्या, बालात्कार, घरेलू हिंसा आदि। इन अपराधों के पीछे निम्न कारण जिम्मेदार है-
1) राजनीतिक-सांस्कृतिक कारणों में पुरुषवादी सामाजिक व्यवस्था है। बचपन से ही लिंग आधारित परवरिश, भूमिकाएं और मर्यादायें तय होती है साथ ही शक्तियों को असमान वितरण भी इसके मुख्य कारण है ।
2) आर्थिक कारण-महिलायें प्राचीन काल से ही आर्थिक मामलों में पुरुष पर निर्भर रहा है। यहां तक कि सम्पत्ति में भी अधिकार से वंचित किया जाता रहा है। इसके अतिरिक्त नगदी तक सीमित पहुँच, औपचारिक- अनौपचारिक क्षेत्रो में रोजगार में सीमित पहुच, शिक्षण-प्रशिक्षण में सीमित पहुच अपराध के मुख्य कारण हैं।
3) राजनीतिक भागीदारी की न्यूनता भी प्रमुख कारण है। चाहे केंद्र स्तर और नीति निर्माण हो, लोकसभा राज्यसभा में आरक्षण हो, महिला दबाव समूह हो या अन्य राजनीतिक संगठनों में महिलाओं की सीमित भागीदारी प्रमुख राजनीतिक कारण है।
4) विधिक कारण– विवाह, तलाक, बच्चों की परवरिश के सम्बंध में जटिल कानून, प्रभावी कानून की अपर्याप्तता तथा वर्तमान कानून का प्रभावी क्रियान्वयन का अभाव ढ़ी प्रमुख कारण है।

अपराध को रोकने हेतु सुझाव
1) विशेष अदालतों के गठन होना चाहिए ताकि मामलों का त्वरित निपटान हो ।
2) महिला जांच ब्यूरो जैसे इकाई का निर्माण।
3) अधिकाधिक महिला थाना की स्थापना एवं महिला कर्मचारियों की भर्ती।
4) प्रभावी कानून बनाना तथा सख्त सजा व जुर्माना जा प्रावधान करना।
5) पीड़ित महिलाओं के लिए राहत व पुनर्वास केंद्र की स्थापना तथा निशुल्क कानूनी सहायता देने वाली संस्था को प्रोत्साहित करना।
6) टीवी रेडियो पत्र पत्रिकाओं संगोष्ठी के माध्यम से जागरूकता अभियान।

इसके अतिरिक्त पुरुषवादी समाज को यह समझना होगा कि महिलायें उत्पादक नही है इससे महिलाओं में आत्मसम्मान की भावना बढ़ेगी।


उतर 2
भारतीय संविधान निर्माताओ ने सविंधान के विभिन्न स्थानों पर लैंगिग समानता और महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान का उल्लेख किया है ताकि इन्हें समाजिक आर्थिक और शैक्षणिक वंचन के शिकार होने से बचाया जा सके। जैसे
1) मूलअधिकारों के अंतर्गत
१)अनुच्छेद 14 में समानता की बात कही गयी है जो महिलाओं के लिए भी है।
२) अनुच्छेद 15(1) – किसी भी व्यक्ति को लिंग के आधार पर भेद न करने की बात कहा गया है
३) अनुच्छेद 15(3) महिलाओं एवं बच्चों के लिए विशेष प्रावधान
४) अनुच्छेद16- रोजगर तथा सरकारी नियुक्तियों में अवसर की समानता की बात कही गयी हैं।

2) नीति निर्देशक तत्व के अंतर्गत
अनुच्छेद39(1) – समान आजीविका का आधार
अनुच्छेद39(2) -समान कार्य के लिए समान वेतन का अधिकार
अनुच्छेद42-काम की न्यायसंगत व मानवोचित दशाओं का तथा प्रसुति सहायता का प्रबंधन
अनुच्छेद46 सामाजिक तथा शैक्षणिक सहायता देना।
3) अन्य
अनुच्छेद51(1) अर्थात मौलिक कर्तव्य में भी महिलाओं के सम्मान का ध्यान रखते हुए उल्लेख किया गया है कि भारतीय नागरिक ऐसे प्रथाओं का त्याग करे जो महिलाओं के विरूद्ध हो
अनुच्छेद 243d में उपबंध किया गया है कि प्रत्येक पंचायत में प्रत्यक्ष निर्वाचन से भरे जाने वाले कुल स्थानों का एक तिहाई महिलाओं के लिए आरक्षित होगा।।
इस प्रकार महिलाओं को न केवल सामाजिक आर्थिक समानता बल्कि राजनैतिक स्तर पर भी इन्हें अधिकार प्रदान करने के लिए स्थानीय शासन तक उपबंध किये है।


उत्तर3 भारतीय दण्ड संहिता 1860 के तहत विभिन्न धाराओं का उल्लेख किया गया है जिसमे महिलाओ के साथ होने वाले अत्याचारों और उससे संबंधित दण्ड का वर्णन किया गया है। जैसे-
1) अश्लील गीत और कार्य से सम्बंधित– धारा 294 के तहत यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक जगहों पर अश्लील गीत या हरकत करता है तो उसे तीन माह तक कैद जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।

2) दहेज से संबंधित
– धारा 302- हत्या के लिए दण्ड
– धारा303- आजीवन कारावास से दंडित व्यक्ति द्वारा हत्या के लिए दण्ड
-धारा304 गैर इरादतन हत्या के लिए दण्ड
-धारा304ब- दहेज मृत्यु अर्थात किसी महिला को मौत अगर शादी के 7 साल के भीतर शारीरिक चोट या जलने या सम्बंधित परिस्थितियों में होती है और इसके पीछे कारण दहेज हो तो पति या संबंधित व्यक्ति को न्यूनतम7 वर्ष की कैद और अधिकतम उम्रकैद की सजा का प्रावधान।
3) अपहरण और व्यपहरन-
धारा 366 – किसी महिला का अपहरण करने या शादी के लिए बाध्य करने वाले व्यक्ति को 10 साल की सजा व जुर्माने का प्रावधान।
धारा366a – 18 वर्ष से कम उम्र के लड़की को यदि कोई व्यक्ति उकसाता है या ऐसे कृत्य करता हैं जिससे महिला शारीरिक संबंध बनाने को बाध्य होता है तो उस व्यक्ति को 10 वर्ष की सजा व जुर्माने का प्रावधान।
धारा 366b – 21 वर्ष से कम उम्र की महिला को भारत से बाहर किसी अन्य व्यक्ति द्वारा शारीरिक संबंध बनाने के लिए बाध्य करने पर उसे 10 वर्ष की सजा व जुर्माने का प्रावधान।
धारा 372- 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की को वेश्यावृत्ति के लिए बेचने पर 10 वर्ष सजा व जुर्माना।
धारा 373- 18 वर्ष से कम उम्र के लड़की को वेश्यावृत्ति के लिए खरीदने पर 10 वर्ष की सजा व जुर्माना।
4) बालात्कार से संबंधित– धारा 376- बालात्कार करने वाले व्यक्ति को 7 से 10 वर्ष की सजा व जुर्माना का प्रावधान।
5) यौन उत्पीड़न से सम्बंधित-
धारा- 509- जो व्यक्ति किसी महिला को बोलकर या आवाज निकाल कर उनकी निजता को लज्जित करता है उसे 1 वर्ष की सजा या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।
स्प्ष्ट है कि उपरोक्त धाराएं महिलाओं को सुरक्षा देती है किन्तु इन कानूनों को प्रभावी तरीके से लागू करने की जरूरत है तथा महिलाओं को भी इस हेतु जागरूक करने की जरूरत है ।


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