RPS-2020 CGPSC MAINS WRITING PRACTICE 29 MAY ANSWER

RPS-2020 CGPSC MAINS WRITING PRACTICE 29 MAY ANSWER


उत्तर1– कौटिल्य ने अपने मंडल सिद्धांत में एक राजा द्वारा दूसरे राजा के प्रति अपनाई गई नीति का वर्णन किया है। कौटिल्य के अनुसार युद्ध व विजय द्वारा अपने साम्राज्य का विस्तार करने वाले राजा को अपने शत्रुओं की अपेक्षा अपने मित्रों की संख्या बढ़ानी चाहिए ताकि शत्रुओं पर नियंत्रण रखा जा सके ।
दूसरी ओर निर्बल राजाओं को शक्तिशाली पड़ोसी राजाओं से सतर्क रहना चाहिए तथा उन्हें समान स्तर वाले राजा से मिलकर शक्तिशाली राजा से बचने हेतु मंडल बनाना चाहिए । कौटिल्य का मंडल सिद्धांत यह दर्शाता है कि किस प्रकार विजय की इच्छा रखने वाले राज्य के पड़ोसी उसके मित्र या शत्रु हो सकते हैं।

मंडल सिद्धांत की प्रासंगिकता आलोचनीय है क्योंकि आज पड़ोसी राज्य एक दूसरे का शत्रु न होकर मित्र है ।आज विजिगीषु राज्य का कोई अस्तित्व नहीं है क्योंकि उनके साम्राज्यवादी विस्तार नीति और युद्ध नीति को किसी भी स्थिति में 21वी सदी में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य नहीं है ।


उत्तर2 एकात्म मानववाद मानव जीवन व संपूर्ण सृष्टि के एकमात्र संबंध का दर्शन है ।इसका वैज्ञानिक विवेचन पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने किया था। एकात्म मानववाद एक ऐसी धारणा है जो सर्पिलाकार मंडलाकृति द्वारा स्पष्ट की जा सकती है जिसके केंद्र में व्यक्ति, व्यक्ति से जुड़ा हुआ एक घेरा परिवार, परिवार से जुड़ा हुआ एक घेरा समाज, जाति फिर राष्ट्र और फिर अनंत ब्रह्मांड को अपने में समाविष्ट किए हैं। इस अखंडमंडलाकार आकृति में एक घातक में से दूसरे दूसरे से तीसरे का विकास होता जाता है।सभी एक दूसरे से जुड़कर अपना अस्तित्व साधते हुए एक दूसरे के पूरक एवं स्वाभाविक सहयोगी हैं। इनमें कोई संघर्ष नहीं है।

एकात्म मानववाद के रूप में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने भारत की राजनीति और समाज को इस दिशा में मुड़ने की सलाह दी थी जो सौ फीसदी भारतीय हो। उन्होंने एक मानव के संपूर्ण सृष्टि से संबंध पर व्यापक दृष्टिकोण रखने का काम किया था।
एकात्म मानव दर्शन में परस्पर निर्भरता की बात कही गई सबको एक दूसरे के साथ एकात्म मानकर विचार किया गया ।व्यक्ति,परिवार, समाज, प्रदेश , देश, दुनिया और ब्रह्मांड सब एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, सबको एक तत्व जोड़ता है, सब परस्पर निर्भर है इसलिए जब व्यक्ति एकात्म मानव दर्शन को आत्मसात कर व्यवहार करेगा तब वह किसी को भी चोट नही पहुंचाएगा बल्कि अधिक से अधिक रचनात्मक कार्यों में संलग्न रहेगा। इसलिए संघ का यह कहना उचित ही है कि परिवारिक विघटन, मानसिक तनाव, अवसाद, प्रकृति का शोषण, प्राकृतिक आपदा, प्रदूषण, जल संकट और प्रजातियों के विलोपन जैसे गंभीर संकट का समाधान एकात्म मानव दर्शन में निहित है।


उत्तर3 – गांधीजी अहिंसा के पुजारी थे। वे लिखते हैं “अहिंसा और हिंसा में निर्णय करना मेरे लिए कठिन है, मेरे अनुसार मन, वचन व शरीर से किसी को दुख ना पहुंचना अहिंसा है। गांधीजी के अनुसार अहिंसा संपूर्ण मानवता को प्रेम और आत्मशुद्धि की सहायता से कठिन संकटों में सफलता पाने का संदेश दिया है। अहिंसा सर्वोच्च नैतिकता और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है यह सिर्फ दर्शन नहीं है बल्कि कार्य करने की पद्धति, हृदय परिवर्तन का साधन है।


click here for all question